भारत के हवाई यात्रियों ने हाल ही में एक अनोखा दृश्य देखा, जब देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo की सैकड़ों उड़ानें रद्द हो गईं या घंटों लेट हुईं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद सहित बड़े एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी कतारें और अफरा-तफरी देखने को मिली। एक समय पर 550 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जो एयरलाइन के इतिहास की सबसे बड़ी असफलता मानी जा रही है।
लेकिन सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ क्या तकनीकी खराबी थी, इंजन ने काम छोड़ा या मौसम ने खेल बिगाड़ा। इन सबका मुख्य कारण है Flight Duty Time Limit (FDTL) यानी पायलट और क्रू के काम और आराम के घंटे तय करने वाला नया नियम। नए नियमों के लागू होने के बाद Indigo के पास पर्याप्त पायलट और क्रू नहीं थे, जिससे उड़ानों की संख्या प्रभावित हुई और छोटी देरी धीरे-धीरे बड़े संकट में बदल गई।
दिल्ली एयरपोर्ट ने क्यों जारी की एडवाइजरी?
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने यात्रियों को सूचित किया कि ऑपरेशन में चुनौतियों के कारण कई घरेलू उड़ानें लेट हो रही हैं या रद्द की जा रही हैं। एयरपोर्ट ने यात्रियों से कहा कि वे अपनी उड़ान की स्थिति एयरलाइन से पहले जांच लें। एयरपोर्ट की तकनीकी टीम लगातार इन समस्याओं को दूर करने में लगी हुई है।
IndiGo पर सबसे ज्यादा असर क्यों पड़ा?
IndiGo की बिजनेस मॉडल में कम कर्मचारियों के साथ अधिकतम उड़ानें चलाना शामिल है। भारत में 400 से ज्यादा विमानों के साथ यह रोजाना 2,300 से अधिक उड़ानें ऑपरेट करती है। नए FDTL नियम लागू होने के बाद पायलट और केबिन क्रू की उपलब्धता के कारण एयरलाइन को संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।